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उज्जैन में जैन साध्वी से छेड़छाड़: साधु-संतों की सुरक्षा पर उठे सवाल, समाज ने की ‘संत सुरक्षा एक्ट’ की मांग
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
धार्मिक नगरी उज्जैन में दो दिन पहले जैन साध्वी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने समाज और संत समुदाय को गहराई से झकझोर दिया है। इस प्रकरण को लेकर गुरुवार को फ्रीगंज स्थित शीतलनाथ जैन मंदिर परिसर में हिंदूवादी संगठनों, जैन समाज और अन्य सामाजिक संगठनों के करीब 250 से अधिक लोग एकत्र हुए। सभी ने एक स्वर में घटना की कड़ी निंदा करते हुए साधु-संतों एवं तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की।
हिंदू जागरण मंच के रितेश माहेश्वरी ने कहा कि उज्जैन एक पवित्र धार्मिक केंद्र है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और साधु-संत अपनी आस्था के साथ पहुंचते हैं। ऐसे वातावरण में साध्वी के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार की घटना न केवल शर्मनाक है, बल्कि पूरे समाज को आहत करने वाली है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले में सिर्फ औपचारिक कार्यवाही से आगे बढ़कर सख्त कदम उठाने होंगे।
समाज ने रखी ये प्रमुख मांगें
घटना के विरोध में संगठनों ने सीएसपी को ज्ञापन सौंपा और साधु-संतों की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे। इनमें प्रमुख मांगें इस प्रकार रहीं–
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विशेष Pilgrim Help Desk और स्थायी सुरक्षा व्यवस्था: तीर्थयात्रियों और साधु-संतों की सुरक्षा के लिए मंदिरों और प्रमुख स्थलों पर स्थायी पुलिस व्यवस्था की जाए।
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कठोर धाराओं का उपयोग: धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले मामलों में केवल प्रतिबंधात्मक नहीं, बल्कि दंडात्मक धाराएं जैसे रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाई जाएं।
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समग्र कार्यवाही: आरोपी के विरुद्ध पूर्व में दर्ज अपराधों को भी शामिल कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
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जिलाबदर की कार्रवाई: आरोपी को भविष्य में ऐसे अपराधों से रोकने के लिए जिले से बाहर किया जाए।
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फास्ट ट्रैक कोर्ट: मामले को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रस्तुत कर दोषी को सख्त सजा दी जाए।
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संत सुरक्षा एक्ट: भविष्य में साधु-संतों की गरिमा और धार्मिक वातावरण की रक्षा के लिए एक ठोस व प्रभावी कानून बनाया जाए।
सभा में मौजूद सभी समाजजन और संगठनों ने कहा कि साधु-संतों की सुरक्षा पूरे धार्मिक समाज की गरिमा से जुड़ा मुद्दा है। यदि समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं धार्मिक माहौल को बिगाड़ सकती हैं।
पुलिस-प्रशासन पर दबाव बढ़ा
घटना के बाद प्रशासन पर सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। समाज की मांग है कि आरोपी को न केवल सजा मिले, बल्कि उज्जैन जैसे धार्मिक शहर में साधु-संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थायी समाधान भी निकाला जाए।